कोरोना से ठीक होने के बाद लोग अनेक तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। पहले दिल, दिमाग, आंख फिर ब्लैक फंगस की शिकायतें आ रही थी। अब मरीजों को सुनने की क्षमता कम, कानों में दर्द, भारीपन और ब्लॉक होना, घंटी या सीटी बजने जैसी आवाज महसूस हो रही है। रात को ठीक तरह से सो नहीं पाते। मरीजों को हियरिंग एड तक लगानी पड़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना का नया स्ट्रेन ‘डेल्टा वेरिएंट’ भी हो सकता है। 2021 का कोविड 19 स्ट्रेन अब संक्रमित इंसान के आंख और कान पर भी असर डाल रहा है, जिससे सुनने और देखने की क्षमता पर असर हो रहा है.

बीमारियों की है ये बड़ी वजह
मरीजों में सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस देखा जा रहा है। यह दिक्कत वायरल इन्फेक्शन की वजह से होती है। इसमें कोरोना की भी भूमिका हो सकती है क्योंकि यह भी एक प्रकार का वायरल इन्फेक्शन है। कोरोना वायरस नाक के जरिये इम्यून सिस्टम पर अटैक करता है। नाक और कान बहुत ज्यादा कनेक्टेड रहते है। जो भी इंफेक्शन नाक में आ रही है, वो अगर कान में जाती है तो वायरल इंफेक्शन से रिएक्शन आता है। कान की कोशिकाएं डैमेज हो जाती हैं। दूसरी वजह यह हो सकती है कि जब नाक में वायरस का असर आता है, तो कोल्ड टाइप लक्षण हो जाता है।

अच्छी इम्युनिटी है तो कम असर!
डॉक्टर्स ने कहा कि कोरोना ने जिस तरह से अपना रूप बदला है, उसके बाद से चिंता बढ़ गई है. कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करना ही सिर्फ एक उपाय है. हालांकि नए वैरिएंट में राहत वाली बात ये है कि नया स्ट्रेन अच्छी इम्युनिटी वाले मरीज को ज्यादा वक्त परेशान नहीं करता है. 5-6 दिनों में वह ठीक होने लगता है. आरएमएल (RML) हॉस्पिटल, लखनऊ में मेडिसिन डिपार्टमेंट के चीफ डॉक्टर विक्रम सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस का दूसरा स्ट्रेन लोगों को तेजी से बीमार कर रहा है. इससे मरीजों को उ‌लटी-दस्त, गैस, अपच, एसिडिटी, बदन दर्द, अकड़न और सुनने में परेशानी की समस्या हो रही है.

एक और नया लक्षण जुड़ा : एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण कान और आंख पर सीधा अटैक कर रहा है। इससे एक और नया लक्षण जुड़ गया है। नया स्ट्रेन वायरल बुखार, पेट दर्द, डायरिया, गैस, उल्टी-दस्त, भूख न लगना, बदन दर्द और एसिडिटी जैसे लक्षणों के साथ आया था, लेकिन संक्रमण बढ़ने के बाद नए-नए लक्षण देखने को मिल रहे हैं।

अस्पतालों में दोनों कान से सुनना कम और कम दिखाई पड़ने की शिकायत वाले मरीज आ रहे हैं। नए वैरिएंट में राहत वाली बात ये है कि नया स्ट्रेन अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों को परेशान नहीं करता। एक सप्ताह में ठीक होने लगता है।

 

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