टीका ले चुकी मां का दूध COVID-19 के खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है। हाल ही में हुए एक रिसर्च में इस बात का दावा किया गया है। इस रिसर्च में दावा किया गया है कि टीका लगा चुकी मां के नवजात को यह एंटीबॉडी कई गंभीर बीमारियों से बचाती है। ‘Journal Breastfeeding Medicine’ में पब्लिश की गई इस रिसर्च में जोर देकर कहा गया है कि वैक्सीन मां और बच्चे दोनों की ही सुरक्षा कर सकता है।
फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर जोसेफ लार्किन ने बताया कि इस रिसर्च में कहा गया है कि ‘हमें पता चला है कि वैक्सीनेशन से ब्रेस्ट मिल्क में SARS-CoV-2 के खिलाफ एंटीबॉडी बनती है। सलाह दी गई है कि वैक्सीन ले चुकी मां अपने बच्चे को एंटीबॉडी दे सकती हैं।
अध्ययनकर्ताओं को पता चला है कि जब बच्चों का जन्म होता है तब उनका इम्यून विकसित होने की प्रक्रिया में रहता है। इस स्टडी के को-ऑथर जोसेफ नू ने कहा कि उन्हें किसी तरह को इन्फेक्शन से लड़ने में मुश्किल होती है। बच्चों के विकास के इस अहम समय में ब्रेस्ट मिल्क नवजातों को बेहतरीन इम्यूनिटी देता है। जोसेफ ने कहा कि ‘ब्रेस्ट मिल्क उस टूलबॉक्स की तरह होता है जो नवजात को जिंदगी के लिए अलग-अलग जरुरी टूल्स बनाने में मदद करता है। वैक्सीन लेने के बाद इस टूलबॉक्स में एक और अहम टूल जुड़ जाता है। जो कि कोविड-19 से बचाव के लिए बेहद जरुरी है।’
यह स्टडी दिसंबर 2020 और मार्च 2021 के बीच की गई है। यह वो समय है जब यूएस में फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन पहली बार स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपलब्ध हुआ था। अध्ययनकर्ताओं ने स्तन पान कराने वाली वैसी 21 हेल्थ वर्करों को इसमें शामिल किया था जो कभी कोविड-19 से संक्रमित नहीं हुई थीं। इस दौरान वैक्सीनेशन से पहले ब्रेस्ट मिल्क और खून के नमूने तीन बार लिये गये। लार्किन लैब में डॉक्टरेट के छात्र लौरेन स्टाफोर्ड ने कहा कि वैक्सीन के पहले डोज औऱ दूसरे डोज के बाद हमने पाया कि खून और ब्रेस्ट मिल्क में एंटीबॉडी विकसित हुए हैं। जो कि वैक्सीन से पहले लिये गये नमूनों से कई गुना ज्यादा थे। रिसर्च में यह भी कहा गया है कि टीका ले चुकी मां के ब्रेस्ट मिल्क में एंटीबॉडी का यह लेवल उन लोगों भी ज्यादा है जो कोविड-19 से ग्रसित हो चुके हैं।
अध्य़यनकर्ताओं का कहना है कि वैक्सीन ले चुकी मां अपने बच्चे की रक्षा कर सकती हैं और यह कोई नई बात नहीं है। इसलिए मां का वैक्सीन लेना भविष्य में बेहद जरुरी है। रिसर्चरों का कहना है कि टीका ले चुकी मां के बच्चे अगर यह एंटीबॉडी लेते हैं तो उनमें कोविड-19 से लड़ने की क्षमता का विकास होता है।