बायोलॉजिकल ई लिमिटेड ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने शिशुओं में उसके पीसीवी 14 टीके के तीसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षण डेटा की समीक्षा की और इसे मंजूरी दे दी तथा स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया के खिलाफ इसके एकल और बहु-खुराक आकार में विनिर्माण की सिफारिश की। यहां स्थित टीका विनिर्माता कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पीसीवी 14 को छह, 10 और 14 सप्ताह की उम्र के शिशुओं को दिया जा सकता है। स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया संक्रमण भारत और विकासशील देशों में पांच वर्ष से
बायोलॉजिकल ई लिमिटेड ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने शिशुओं में उसके पीसीवी 14 टीके के तीसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षण डेटा की समीक्षा की और इसे मंजूरी दे दी तथा स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया के खिलाफ इसके एकल और बहु-खुराक आकार में विनिर्माण की सिफारिश की। यहां स्थित टीका विनिर्माता कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पीसीवी 14 को छह, 10 और 14 सप्ताह की उम्र के शिशुओं को दिया जा सकता है।
स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया संक्रमण भारत और विकासशील देशों में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। विज्ञप्ति में कहा गया कि पीसीवी 14 टीके के साथ बायलॉजिकल ई को घातक रोग की रोकथाम में योगदान करने और विश्व स्तर पर लाखों लोगों की रक्षा करने की उम्मीद है। टीके के सुरक्षा विश्लेषण से पता चला कि सभी प्रतिकूल घटनाएं हल्की से मध्यम स्तर की रहीं तथा श्रेणी-3 और 4 की कोई घटना सामने नहीं आई। बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की प्रबंध निदेशक महिमा दतला ने कहा, “हम इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम से खुश हैं। बीई का पीसीवी14 दुनिया भर में लाखों शिशुओं की रक्षा करेगा और घातक न्यूमोकोकल रोग की रोकथाम में योगदान देगा।”
उन्होंने कहा कि विषय विशेषज्ञ समिति की इस सिफारिश तथा उसके बाद भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से अपेक्षित औपचारिक अनुमोदन के साथ, भारत के पास बाल चिकित्सा उपयोग के लिए एक और महत्वपूर्ण जीवनरक्षक टीका होगा। अधिकारी ने कहा कि इस टीके को विश्व स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए बायोलॉजिकल ई विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अन्य वैश्विक नियामक एजेंसियों के साथ भी काम करेगी।
वैक्सीन से लाखों बच्चों की बचेगी जान
कंपनी ने कहा कि पीसीवी 14 (PVC14) वैक्सीन 6, 10 और 14 सप्ताह की उम्र के शिशुओं को दिया जा सकता है। Biological E के अनुसार, Streptococcus Pneumoniae संक्रमण भारत और विकासशील देशों में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। PCV14 वैक्सीन के साथ कंपनी को उम्मीद है कि संक्रमण को रोकने में योगदान मिलेगा और विश्व स्तर पर लाखों बच्चों की जान बचेगी।
वैश्विक स्तर पर होगा उपलब्ध
Biological E Limited के मैनेजिंग डायरेक्टर महिमा डाटला ने कहा, ‘हम इस वैक्सीन के विकास से उत्साहित हैं। BE का PCV14 दुनिया भर में लाखों शिशुओं की रक्षा करेगा और आक्रामक न्यूमोकोकल रोग की रोकथाम में योगदान देगा। SEC की इस सिफारिश और उसके बाद DCGI से अनुमति मिलने के साथ, भारत के पास बाल चिकित्सा उपयोग के लिए एक और महत्वपूर्ण जीवन रक्षक टीका होगा। इस वैक्सीन को विश्व स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए हम WHO और अन्य वैश्विक नियामक एजेंसियों के साथ भी काम करेंगे। बता दें कि निमोनिया से अकेले भारत में ही एक लाख से अधिक बच्चों की मौत हो जाती है और इनमें अधिकतर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चे शामिल होते हैं।