कोरोना महामारी के समय में वैसे तो सभी को  काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है, लेकिन जिनके लिए कोरोना  महामारी सबसे बड़ी चुनौती आज भी बना हुआ है वो है गर्भवती महिलाएं. इनके लिए मुश्किल इसलिए भी बढ़ जाती है कि क्योंकि इंफेक्शन का असर केवल इन्हें बीमार नहीं करेगा, बल्कि आने वाले बच्चे की जान को भी इससे खतरा है. गर्भवती महिलाओं पर कोरोना के असर को लेकर अभी भी दुनियाभर में शोध जारी है. 

ब्रिटेन के किंग्स कालेज लंदन के शोधकर्ताओं ने कोरोना संक्रमित माताओं से जन्मे 30 शिशुओं पर किए गए एक अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। ये महिलाएं गर्भावस्था के विभिन्न चरणों के दौरान कोरोना संक्रमित पाई गयी थीं। 

नेचर इम्युनोलाजी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, कोरोना संक्रमित माताओं के शिशुओं में इम्यून सेल्स की मात्रा अधिक पाई गई। शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन से जाहिर होता है कि मां के संक्रमण से शिशु के इम्यून सिस्टम में बदलाव आ जाता है। उन्होंने यह भी पाया कि माता से गर्भनाल के जरिये गर्भ में पल रहे शिशु में कोरोना के खिलाफ एंटीबाडी पहुंच जाती है।

स्टडी में क्या निकला निष्कर्ष 

किंग्स कालेज लंदन की शोधकर्ता डीना गिबंस ने कहा, ‘अध्ययन के डाटा से स्पष्ट होता है कि प्रत्यक्ष संक्रमण के बिना भी शिशु का इम्यून सिस्टम मां से प्रभावित हो सकता है।’ शोधकर्ताओं ने कहा कि मां के संक्रमण को लेकर अभी और अध्ययन किए जाने की जरूरत है। यह पता लगाया जाना चाहिए कि माता के संक्रमण से शिशु के इम्यून सिस्टम में क्या बदलाव आता है।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं भी संक्रमण का शिकार हुई हैं। कोरोना के चलते भारत और अमेरिका समेत कई देशों में लाखों लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना संक्रमण का खतरा अभी भी बना हुआ है। 

अभी और रिसर्च की जरूरत
किंग्स कालेज लंदन की रिसर्चर डॉ डीना गिबंस (Dr Deena Gibbons) ने कहा, ‘ स्टडी के डाटा से स्पष्ट होता है कि प्रत्यक्ष संक्रमण के बिना भी शिशु का इम्यून सिस्टम मां से प्रभावित हो सकता है.’  मां के संक्रमण को लेकर अभी और स्टडी किए जाने की जरूरत है. यह पता लगाया जाना चाहिए कि माता के संक्रमण से शिशु के इम्यून सिस्टम में क्या बदलाव आता है. 

 

Spread the information