मंकीपॉक्स की गंभीरता को देखते हुए अमेरिका ने हेल्थ इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है। अमेरिका में अब तक 6600 से ज्यादा केस आ चुके हैं और इनमें तेजी से इजाफा हो रहा है। मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों और खतरे को देखते हुए अमेरिका ने हेल्थ इमर्जेंसी का ऐलान कर दिया है। रॉयटर्स के मुताबिक जो बाइडन के प्रशासन ने वायरस की गंभीरता को देखते हुए यह कदम उठाया है।
2 अगस्त को राष्ट्रपति बाइडन ने दो शीर्ष अधिकारियों को इस वायरस से निपटने का जिम्मा दिया था। है। न सिर्फ अमेरिका में बल्कि मंकीपॉक्स यूरोप में भी तेजी से फैल रहा है. स्पेन, जर्मनी और यूके को मिलाकर करीब 10 हजार केस मिल चुके वहीं मंकीपॉक्स के लिए अभी कोई अलग से वैक्सीन मौजूद नहीं है। स्मॉलपॉक्स के लिए इस्तेमाल होने वाली वैक्सीन का इस्तेमाल भी इसके लिए भी किया जाता रहा है। अब तक दुनियाभर के 87 देशों में मंकीपॉक्स के 26000 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं।
मंकीपॉक्स को लेकर भारत गंभीर
भारत में मंकीपॉक्स के अब तक 9 मरीज मिल चुके हैं जिसमें से एक मरीज की मौत हो चुकी है। केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स के मामलों से निपटने के लिए मौजूदा दिशा निर्देशों पर पुनर्विचार करने के लिए गुरुवार को शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक बैठक बुलाई।
केंद्र द्वारा ‘मंकीपॉक्स बीमारी के प्रबंधन पर जारी दिशा निर्देशों’ के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति ने पिछले 21 दिनों के भीतर प्रभावित देशों की यात्रा की है और उसके शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने, लसिका ग्रंथियों में सूजन, बुखार, सिर में दर्द, शरीर में दर्द और बहुत ज्यादा कमजोरी जैसे लक्षण दिखायी देते हैं तो उसे ‘संदिग्ध’ माना जाएगा।
दिशा निर्देशों में संपर्क में आए लोगों को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित में पहला लक्षण दिखायी देने और त्वचा पर जमी पपड़ी के गिर जाने तक की अवधि के दौरान उसके एक से अधिक बार संपर्क में आता है तो उसे संपर्क में आया व्यक्ति माना जाएगा। यह संपर्क चेहरे से चेहरे का, सीधा शारीरिक संपर्क में आना, जिनमें यौन संबंध बनाना भी शामिल है, उसके कपड़ों या बिस्तर के संपर्क में आना हो सकता है। इसे मंकीपॉक्स का संदिग्ध या पुष्ट मामला माना जाएगा।
डब्ल्यूएचओ ने हाल में मंकीपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया था। उसके अनुसार, मंकीपॉक्स पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाला संक्रमण है और इसके लक्षण चेचक जैसे होते हैं।
दुनिया के लगभग 80 देशों में मंकीपॉक्स वायरस फैल चुका है। स्थिति ये है कि बस 10 देशों में कुल मामलों के 80 प्रतिशत मामले हैं। पर सबसे ज्यादा मामले अमेरिका (Highest number of Monkeypox cases in US) में हैं। यहां अकेले 5,175 मंकीपॉक्स के मामले हैं। साथ ही यहां ये वायरस तेजी से फैल रहा है, जिसे देखते हए जो बाइडेन सरकार ने हेल्थ इमरजेंसी (U.S. Declares a Health Emergency) का ऐलान किया है। इसक सूचना स्वास्थ्य और मानव सेवा सचिव जेवियर बेसेरा ने गुरुवार को एक ब्रीफिंग में दी।
प्रभावित समुदायों तक तेजी से टीके का इंतजाम करना होगा
बता दें कि जो बाइडेन सरकार ने तेजी से बढ़ते मंकीपॉक्स को देखते हुए तमाम स्वास्थ्य एजेंसियों को अलर्ट रहने को कहा है। सरकार का कहना है कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल हमें प्रभावित समुदायों तक अधिक तेजी से टीके और उपचार प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त रणनीतियों का पता लगाने में मदद करेगा। यह हमें अधिकार क्षेत्र से अधिक डेटा प्राप्त करने की अनुमति देगा ताकि हम इस प्रकोप को प्रभावी ढंग से ट्रैक कर सकें। ताकि इस समस्या से बाहर आ सकें।
मंकीपॉक्स के टीके की मांग बढ़ी
मंकीपॉक्स के टीके को अमेरिका में असंतोष का माहौल है। यह घोषणा ऐसे समय में भी आई है जब बाइडेन सरकार को मंकीपॉक्स के टीके की उपलब्धता को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। न्यूयार्क और सान फ्रांसिस्को जैसे बड़े शहरों में क्लीनिकों का कहना है कि मांग को पूरा करने के लिए उन्हें सरकार की मदद चाहिए। दरअसल, अमेरिका में मंकीपॉक्स इतना तेजी फैला है कि लोग मंकीपॉक्स के टीके को लेने के लिए परेशान हैं। इस वजह से कई जगहों पर कुछ लोगों को तो पहली खुराक देने के बाद दूसरी खुराक देना बंद करना पड़ रहा है।
बता दें कि पिछले एक दशक में, इस तरह की राष्ट्रव्यापी आपातकालीन घोषणाएं केवल COVID-19 महामारी, ओपिओइड संकट और 2017 में जीका वायरस के प्रकोप के लिए की गई हैं। अब मंकीपॉक्स को लेकर यह घोषणा की गई है।