नीति आयोग द्वारा जारी स्वास्थ्य सूचकांक वर्ष 2019-20 को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसमें बड़े राज्यों में केरल तो छोटे राज्यों में मिजोरम शीर्ष पर है। नीति आयोग ने विश्व बैंक की तकनीकी सहायता से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से रिपोर्ट तैयार की है। नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स में केरल एक बार फिर अव्वल, तमिलनाडु दूसरे और तेलंगाना तीसरे नंबर पर; बिहार और एमपी नीचे से दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.

कोरोना ने देश भर की खस्ताहाल स्वास्थ्य सेवाओं को जनता के सामने उजागर किया है। इस बीच नीति आयोग ने उन राज्यों की सूची जारी की है, जहां समग्र स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हैं और जिन राज्यों की स्थिति बहुत ही दयनीय है। नीति आयोग के चौथे स्वास्थ्य सूचकांक के मुताबिक, समग्र स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदर्शन के मामले में बड़े राज्यों में केरल एक बार फिर से शीर्ष पर है। वहीं उत्तर प्रदेश में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। 

आबादी के लिहाज से भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में देश में सबसे फिसड्डी साबित हुआ है. यह खुलासा खुद केंद्र सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग की एक रिपोर्ट से हुआ है. नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स ने उत्तर प्रदेश को देश के सभी राज्यों में सबसे नीचे जगह देकर दिखा दिया है कि राज्य के चौतरफा विकास के दावों में कितनी सच्चाई है.

नीति आयोग के इस हेल्थ इंडेक्स में हर राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन उसके प्रमुख पहलुओं की हालत बताने वाले 24 इंडिकेटर्स के आधार पर किया जाता है. इनमें हेल्थ आउटकम, गवर्नेंस, स्वास्थ्य सूचनाओं और प्रक्रियाओं जैसे अहम पहलू शामिल हैं. इस इंडेक्स को जारी करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि देश के तमाम राज्य अपने हेल्थ इंडेक्स का इस्तेमाल नीति निर्धारण और संसाधनों के आवंटन बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह इंडेक्स एक ऐसी संघीय व्यवस्था की मिसाल हैं, जो एक साथ प्रतिस्पर्धात्मक और सहयोगात्मक (competitive and cooperative) दोनों हैं.

तमिलनाडु व तेलंगाना दूसरे व तीसरे स्थान पर 
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तमिलनाडु व तेलंगाना स्वास्थ्य मानकों के मामले में क्रमशः दूसरे व तीसरे पायदान पर है। वहीं छोटे राज्यों में मिजोरम समग्र स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदर्शन में शीर्ष पर है। केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली व जम्मू-कश्मीर अब तक समग्र प्रदर्शन के मामले में निचले पायदान पर थे, लेकिन स्थिति में सुधार करने के मामले में दोनों राज्य अग्रणी स्थिति में पहुंच गए हैं। इसी तरह रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2018-19 के मुकाबले उत्तर प्रदेश वर्ष 2019-20 में स्थिति में सुधार करने के मामले में शीर्ष पर है।

रिपोर्ट के अनुसार, भले ही केरल और तमिलनाडु सूचकांक में क्रमश: पहले व दूसरे स्थान पर काबिज हों, लेकिन वृद्धिशील प्रदर्शन के मामले में दोनों राज्य 12वें व आठवें स्थान पर रहे। वहीं तेलंगाना ने समग्र प्रदर्शन के साथ-साथ वृद्धिशील प्रदर्शन दोनों में तीसरा स्थान हासिल किया। 

यूपी के बाद बिहार और मध्यप्रदेश का प्रदर्शन भी खराब
सूचकांक में समग्र स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है तो बिहार और मध्य प्रदेश की भी स्थिति दयनीय है। दोनों राज्य खराब प्रदर्शन के मामले में दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे। वहीं राजस्थान समग्र प्रदर्शन व वृद्धिशील प्रदर्शन दोनों के मामले में सबसे कमजोर राज्य रहा।

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