Woman with electronic micro chip brain implant - dark blue background - 3D illustration

संजय कुमार झा

अगर एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक का यह प्रयोग सफल हो जाता है तो दिमाग की मदद से कंप्यूटर को कंट्रोल किया जा सकेगा। मतलब जैसे ही कोई चीज आप अपने दिमाग में सोचेंगे, तो कंप्यूटर उस काम को कर देगा। पूरी दुनिया ट्विटर विवाद में उलझी हुई है। एक तरफ लोग कह रहे हैं कि एलन मस्क ने ट्विटर खरीद गलती कर दी है तो वहीं कुछ लोग यह भी कह रहे हैं एलन मस्क ट्विटर में इतने मशगूल हो चुके हैं कि वे अपनी बाकी कंपनियों पर ध्यान देना बंद कर चुके हैं। हालांकि अब एक नए ऐलान ने एक बार फिर से पूरी दुनिया को चौंका दिया है। एलन मस्‍क ने दावा किया है कि उनकी कंपनी न्‍यूरालिंक अगले 6 महीनों में इंसानी दिमाग में चिप लगा देगी.

दिमाग के अलावा अन्य हिस्सों में भी होगा प्रत्यारोपित

एलन मस्‍क ने न्‍यूरालिंक शो में कहा कि इंसानी दिमाग में चिप लगाने की दिशा में कंपनी काफी मेहनत कर रही है। जल्द ही सिक्के के आकार वाला यह चिप इंसानी दिमाग का हिस्सा बन जाएगा। इतना ही नहीं एलन मस्क की ये कंपनी दिमाग के साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों में भी चिप को प्रत्यारोपण करने की लक्ष्य बना रही है। द स्‍ट्रीट की एक रिपोर्ट के अनुसार, मस्क का अगला लक्ष्य दृष्टिदोष और लकवा की बीमारी को दूर करना है।

प्रोजक्ट सफल हुआ तो नेत्रहीन भी देख पाएंगे

मस्क का यह प्रोजेक्ट काम कर गया तो जन्म से ही अंधे लोगों की आंखों में भी रोशनी लाई जा सकेगी। इसके साथ ही रीढ़ की हड्डी टूटने या फिर लकवे के कारण पूरी तरह अपंग हो गए लोगों को भी फिर से ठीक करने के लिए भी न्‍यूरालिंक की तकनीक असरदायक साबित होगी। एलन मस्‍क ने कहा कि मनुष्‍य के लिए आज आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस का मुकाबला करना बहुत जरूरी हो गया है और इसके जोखिमों को कम करने के लिए हमें कदम उठाने होंगे।

 

6 महीने में ही शुरू होगा ट्रायल

एलन मस्क ने कहा, ‘यह सुनने में थोड़ा चमत्कारी जरूर लगता है, लेकिन हमें यकीन है कि हम इसे पूरा कर सकेंगे। यह  टेक्नोलॉजी पूरे शरीर को ठीक कर सकेगी। मानव वह हर काम कर पाएगा जो उसके लिए असंभव लगता है। उन्‍होंने कहा कि लैपटॉप और फोन के साथ इंटरेक्‍ट करने की मनुष्‍य की क्षमता काफी सीमित है। हम इसे आगे ले जाएंगे। अब तक यह माना जा रहा था कि मस्‍क की ब्रेन मशीन इंटरफेस डेवलपमेंट कंपनी न्‍यूरालिंक जानवरों में ब्रेन चिप इंप्‍लांट करने की कोशिश के शुरुआती चरण में है। लेकिन, अब मस्‍क के 6 महीने में इंसानी दिमाग में चिप लगाने का दावा कर पुरी दुनिया को हैरान कर दिया है।

पिछले साल वीडियो गेम खेलते दिखा था

बंदर एलन मस्क जिस ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस की बात कर रहे हैं उससे एक बीमार व्यक्ति बिना कुछ बोले सिर्फ सोचने से ही अपनी बात कह सकेगा। इस तकनीक से आदमी और मशीन के बीच सूचना का आदान-प्रदान किया जा सकता है। न्यूरालिंक के पिछले कुछ इवेंट्स में मस्क और उनकी टीम ने इसका प्रदर्शन किया है। न्‍यूरालिंक ने साल 2021 में एक वीडियो जारी किया था, जिसमें एक बंदर अपने दिमाग का इस्‍तेमाल कर वीडियो गेम खेलता हुआ दिखाई दे रहा था। कंपनी ने ये दावा किया था कि बंदर के दिमाग में एक चिप डाली गई है।

दिमाग से मशीन नियंत्रित करेगा इंसान

न्‍यूरालिंक ने इस वीडियो में बताया था कि एक सूअर के ब्रेन में भी ऐसी ही चिप डाली गई है। ब्रेन-मशीन इंटरफेस की टेक्नोलॉजी पर दशकों से शोध हो रहा है। अगर एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक का यह प्रयोग सफल हो जाता है तो दिमाग की मदद से कंप्यूटर को कंट्रोल किया जा सकेगा। मतलब जैसे ही कोई चीज आप अपने दिमाग में सोचेंगे, तो कंप्यूटर उस काम को कर देगा। इसके लिए आपको अलग से कंप्यूटर को कंट्रोल नहीं देना होगा।

  ( ‘हिंदी वन इंडिया’ से साभार) 

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