ललित मौर्य

रिसर्च से पता चला है कि जो लीवर 100 वर्ष या उससे ज्यादा समय तक कार्यशील रहे उनको देने वाले दानकर्ताओं की औसत उम्र करीब 84.7 वर्ष थी. क्या आप जानते है कि हमारा लीवर 100 से ज्यादा वर्षों तक काम कर सकता है। इस बारे में अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी आफ टेक्सास के साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर और ट्रांसमेडिक्स के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि प्रत्यारोपण के बाद भी लीवर 100 से ज्यादा वर्षों तक काम कर सकता है।

अमेरिकन कालेज आफ सर्जन्स (एसीएस) क्लिनिकल कांग्रेस 2022 में प्रस्तुत अपनी इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने 1990 से 2022 के बीच प्रत्यारोपित 253,406 लिवरों का अध्ययन किया है जिनमें से 25 ने एक सदी से भी ज्यादा समय तक सफलतापूर्वक काम किया है। अपने इस अध्ययन के जरिए शोधकर्ताओं ने लीवर की उन विशेषताओं के बारे में जानने का प्रयास किया है, जिनकी वजह से यह समझा जा सके कि क्या वजह है जो यह अंग बदलावों को स्वीकार करने में इतना सक्षम होता है।

अपनी इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने यूनाइटेड नेटवर्क फॉर ऑर्गन शेयरिंग ( यूएनओएस ) स्टारफाइल का उपयोग किया जिससे उन लीवरों की पहचान की जा सके जिनकी कुल आयु प्रत्यारोपण से पहले और बाद में कम से कम 100 वर्ष या उससे ज्यादा थी।

लम्बे समय तक काम करता रहा उम्रदराज दानकर्ताओं द्वारा दिया लिवर

उनके अनुसार लीवर देने और लेने वाले के साथ प्रत्यारोपण से जुड़े पहलुओं  और उनके अनोखे संयोजन के कारण लीवर एक सदी से भी ज्यादा समय तक काम कर सकता है। रिसर्च से पता चला है कि जो लीवर 100 वर्ष या उससे ज्यादा समय तक कार्यशील रहे उनको देने वाले दानकर्ताओं की औसत उम्र करीब 84.7 वर्ष थी। वहीं 100 वर्षों से कम कार्यशील रहे लीवर के दानकर्ताओं की औसत उम्र 38.5 वर्ष ही थी।

पता चला है कि जिन दानकर्ताओं द्वारा दिया लीवर 100 वर्षों तक काम करता रहा वो शारीरिक रूप से स्वस्थ थे। उनमें से कम दानकर्ताओं में मधुमेह और संक्रमण की समस्या थी। साथ ही इन डोनर में ट्रांसमिनेस का स्तर कम था। गौरतलब है कि ट्रांसमिनेस एक तरह के एंजाइम होते हैं जो लीवर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनका उच्च स्तर लीवर प्रत्यारोपण में समस्या पैदा कर सकता है।

क्या होता है लीवर ट्रांसप्लांट या प्रत्यारोपण

लीवर ट्रांसप्लांट या प्रत्यारोपण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें स्वस्थ व्यक्ति से लीवर या लीवर का एक हिस्सा किसी दूसरे खराब लीवर वाले व्यक्ति में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। प्रत्यारोपण के बाद दोनों लोगों में लीवर धीरे-धीरे अपने पूर्ण आकर को प्राप्त कर लेते हैं। लीवर शरीर का एक ऐसा अंग है जो बदलावों को स्वीकार करने में काफी सक्षम होता है।

देखा जाए तो यह शरीर का एकमात्र ऐसा अंग है जो समय के साथ अपने सामान्य आकार में वापस आ जाता है। आमतौर पर 6-8 सप्ताह के भीतर लीवर बिलकुल नए रूप में वापस आ जाता है।

( ‘डाउन टू अर्थ ‘ पत्रिका से साभार )

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