लक्ष्मी नारायण

सिद दर्द, बदन दर्द, थकान, दांत दर्द आदि में यदि आप भी बहुत ज्यादा पैरासिटामोल अपने मन से लेते हैं तो चेत जाए. क्योंकि पैरासिटामोल का ज्यादा इस्तेमाल आपके लिवर को अचानक फेल भी कर सकता है.

हममें से शायद ही कोई होगा जिसे बुखार नहीं लगा हो. बुखार लगने पर हम अक्सर पैरासिटामोल टैबलेट का इस्तेमाल करते हैं. इसे लोग खुद भी ले लेते हैं और डॉक्टर भी लेने की सलाह देते हैं. हर किसी को पैरासिटामोल का नाम रटा हुआ. लेकिन मुश्किल तब होती है जब बुखार ठीक हो जाने के बाद या हल्का बुखार लगने पर भी पैरासिटामोल की दवा लेने लगते हैं. बुखार के अलावा अगर सिर दर्द हो तो भी लोग पैरासिटामोल ही लेते हैं. लेकिन एक हालिया स्टडी में इस पेनकिलर दवा को अनावश्यक लेने से लिवर तक डैमेज हो सकता है.

यूनवर्सिटी ऑफ एडिनवर्ग के शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए गए अध्ययन में यह पाया है कि पैरासिटामोल के ओवरडोज से लिवर डैमेज हो सकता है. अगर इस ओवरडोज से टॉक्सिन ज्यादा बन गया तो यह जानलेवा साबित हो सकता है और इसका इलाज भी मुश्किल हो सकेगा. पश्चिमी देशों में लिवर फेल्योर के कई ऐसे मामले सामने आए हैं. इसे देखते हुए  इस अध्ययन से फायदा मिल सकता है.

लिवर पर क्या होता है असर

यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनवर्ग के शोधकर्ताओं ने यह जानने की कोशिश की कि पैरासिटामोल किस तरह इंसान और चूहों के लिवर पर असर करता है. अध्ययन में पाया गया कि विशेष परिस्थिति में पैरासिटामोल कंपाउड लिवर टिशूज पर हमला करने लगता है. दरअसल, कोशिका और कोशिका की दीवाल के बीच एक नेचुरल कनेक्शन होता है जिसे टाइट जंक्शन कहते हैं. पैरासिटामोल का टॉक्सिन इस दीवाल और कोशिकाओं के बीच की संरचना को खराब करने लगता है.

इससे लिवर में आसपास के सेल भी खराब होने लगते हैं. जब  कोशिकाओं की दीवार टूटने लगती है या डैमेज होने लगता है तो सेल का फंक्शन खराब होता है और अंततः सेल मरने लगते हैं. यही स्थिति जब लिवर में सिरोसिस या कैंसर होता है तब हो जाता है. सामान्य शब्दों में कहें तो जो स्थिति लिवर कैंसर या सिरोसिस में होती है वहीं स्थिति कभी-कभी पैरासिटामोल के ओवरडोज में हो जाती है.

कई तरह के दर्द में पैरासिटामोल काफी लोकप्रिय

जब से पैरासिटामोल आया है पूरी दुनिया में यह काफी लोकप्रिय है. ज्यादातर लोग ओवर द काउंटर यानी बिना डॉक्टरों की सलाह से यह दवा खा लेते हैं. अगर यह डॉक्टरों की सलाह से ली जाए तो यह बिल्कुल शेफ माना जाता है. आमतौर पर डॉक्टर इसे तेज बुखार के समय खा लेते हैं लेकिन अधिकांश लोग हल्का बुखार होने पर भी खुद से पैरासिटामोल ले लेते हैं. चूंकि पैरासिटामोल पेन रिलीफ दवा भी है और कई तरह के दर्द में भी इसे लोग ले लेते हैं, दिक्कत यहीं से शुरू होती है.

बदन दर्द, दांतों का दर्द, सिर दर्द, पीरियड्स दर्द में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है इसलिए ज्यादातर लोग इस तरह की थोड़ी समस्या होने पर भी पैरासिटामोल खा लेते हैं. इस तरह दवा ओवरडोज हो जाती है और इससे अचानक किडनी या लिवर फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है.

       (‘न्यूज़ 18 हिंदी’ से साभार )

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