दयानिधि

शेन्जेन इंस्टीट्यूट ऑफ मेट्रोलॉजिकल इनोवेशन और चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के शोधकर्ताओं द्वारा एक अध्ययन किया गया था और इसे फ्रंटियर्स इन अर्थ साइंस में प्रकाशित किया गया था। इस अध्ययन में पाया गया कि एशिया में उष्णकटिबंधीय चक्रवात सदी के अंत तक अपनी विनाशकारी शक्ति को दोगुना कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने कहा मानवजनित जलवायु संकट उन्हें पहले से और मजबूत बना रहा है।

उष्णकटिबंधीय चक्रवात सबसे खतरनाक प्राकृतिक आपदाओं में से एक हैं। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, पिछले 50 वर्षों में, इन चक्रवातों के कारण दुनिया भर में लगभग 7,80,000 मौतें और लगभग 1.4 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ है।

वहीं पूर्वोत्तर अरब सागर में बना प्रचंड चक्रवाती तूफान बिपरजॉय पिछले छह घंटों के दौरान पांच किमी प्रति घंटे की गति के साथ धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ रहा है।

चक्रवाती तूफान गुजरात के जखाऊ पोर्ट से लगभग 260 किमी पश्चिम, दक्षिण पश्चिम में, देवभूमि द्वारका से 270 किमी पश्चिम, दक्षिण पश्चिम में, नलिया से 280 किमी पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम में, पोरबंदर से 330 किमी पश्चिम, उत्तर-पश्चिम में और पाकिस्तान के कराची से 340 किमी दक्षिण, दक्षिण पश्चिम में है।

प्रचंड चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के उत्तर पूर्व की ओर बढ़ने और 15 जून की शाम तक गुजरात के जखाऊ बंदरगाह के पास मांडवी, सौराष्ट्र और कच्छ तथा पाकिस्तान के कराची तटों को पार करने के आसार हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवाती तूफान के तटों को पार करने के दौरान 125 से 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस तूफानी गतिविधि के मद्देनजर गुजरात में सौराष्ट्र, द्वारका और कच्छ तटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।

चक्रवाती तूफान से आज भारी नुकसान होने की आशंका है और कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

प्रचंड चक्रवाती तूफान बिपरजॉय से निपटने की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में तटीय इलाकों के पास रहने वाले लगभग 50,000 लोगों को निकाल कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है। वहीं राज्य में मछली पकड़ने पर रोक लगा दी गई है और मछुआरों को वापस बुला लिया गया है।

तूफान के गुजरने वाले हिस्सों में पड़ने वाले स्कूल बंद कर दिए गए हैं, अधिकांश ऑयल रिग्स और बंदरगाहों पर काम-काज बंद कर दिया गया है। पांच दर्जन से ज्यादा ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। कुल मिलाकर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा बलों की 30 टीमों को तैनात किया गया है।

गुजरात सरकार ने तटीय जिलों की ओर बढ़ रहे बिपरजॉय चक्रवात के मद्देनजर दांडी समुद्र तट पर राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है।

वहीं नवसारी जिला प्रशासन ने लोगों को दांडी बीच पर जाने से रोकने के लिए पुलिस अधिकारियों को तैनात किया है।

लोगों की सुरक्षा और तूफानी हवाओं को ध्यान में रखते हुए, कर्मचारियों को तटीय गांवों में तैनात किया गया है। कुल 17 गांवों को अलर्ट पर रखा गया है और प्रत्येक गांव में अधिकारियों को तैनात किया गया है।

राज्य सरकार के पर्यटन विभाग के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए दांडी तट पर नमक सत्याग्रह स्मारक को 17 जून तक बंद रखा है और बाद में स्थिति सामान्य होने पर स्मारक को खोला जाएगा।

भारी बारिश की चेतावनी

15 जून को गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है तथा कुछ इलाकों में भयंकर बारिश होने के आसार हैं। वहीं पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ के कुछ इलाकों में भी भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है।

15 जून को सौराष्ट्र के शेष जिलों और उत्तर गुजरात के कुछ हिस्सों में भी मूसलाधार बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग ने 16 जून को उत्तरी गुजरात और इससे सटे दक्षिण राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने तथा 17 जून को दक्षिण-पूर्व राजस्थान और इससे सटे उत्तरी गुजरात के इलाकों में भी भारी बारिश की आशंका जताई है।

भारी नुकसान की आशंका
प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के 15 जून को गुजरात के मांडवी और पाकिस्तान के बंदरगाह शहर कराची के बीच टकराने की आशंका है, मौसम विभाग ने कई जिलों में घास-फूस से बने घरों के पूरी तरह से बर्बाद होने और कच्चे घरों को भारी नुकसान पहुंचाने की आशंका जताई है। चक्रवाती तूफान के कारण इन इलाकों में बिजली और संचार के खंभे उखड़ सकते हैं। रेलव यात्रा में भी रुकावट आ सकती है तथा खड़ी फसलों, पेड़ों और बागों को नुकसान होने के आसार हैं।

   (‘डाउन-टू-अर्थ’ से साभार )

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