ललित कुमार

53 साल पहले पहली बार वर्ल्ड अर्थ डे मनाया गया था. तब से ये बदस्तूर जारी है. दरअसल पर्यावरण के प्रति अनदेखी के चलते पृथ्वी की सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है. लिहाजा अर्थ डे के जरिए दुनिया के लोगों को जागरूक करने का काम किया जाता है.

 वर्ल्ड अर्थ-डे यानी विश्व पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है. यह विश्व पृथ्वी दिवस (Earth Day) का 53वां आयोजन होगा. इस दिन को इंटरनेशनल मदर अर्थ डे के रूप में भी जाना जाता है. इसको मनाने का मकसद है कि लोग पृथ्वी के महत्‍व को समझें और पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने के प्रति जागरूक (Aware) हों. साथ ही करोड़ों लोग मिलकर पृथ्वी से जुड़ी पर्यावरण की चुनौतियां जैसे क्लाइमेट चेंज. ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और जैवविविधता संरक्षण के लिए प्रयास करने में और जागरुक हों और इसमें तेजी लाएं. यही वजह है कि इस दिन पर्यावरण संरक्षण और पृथ्वी को बचाने का संकल्प लिया जाता है.

विश्व पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को ही क्यों

विश्व पृथ्वी दिवस पर स्कूली छात्र एवं समाजिक संस्थाओं द्वारा पेड़ लगाकर, सड़क के किनारे कचरा उठाकर, लोगों को बेहतर जीवन जीने के तरीके अपनाने के लिए प्रेरित करने जैसे कार्यक्रम आयोजित कर सेलिब्रेट किया जाता है. इस दिन के लिए अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने विशेष प्रयास किया था. वे चाहते थे कि इस दिवस पर कॉलेज के कैम्पस से ज्यादा से ज्यादा छात्र भागीदारी करें.

इसके लिए 19 से 25 अप्रैल के बीच का समय उन्हें सबसे सही लगा. क्योंकि इस समय ना तो कॉलेज में परीक्षाएं थीं, ना ही गर्मी की छुट्टियां पड़ रही थीं और ना ही कोई धार्मिक त्योहार की बाधा थी. इसलिए ज्यादा छात्रों की उपस्थिति के लिए उन्होंने 22 अप्रैल को चुना. इसके बाद से विश्व पृथ्वी दिवस के लिए 22 अप्रैल की तारीख हमेशा के लिए तय हो गई.

क्या है साल 2023 की थीम

इस साल वर्ल्ड अर्थ डे की थीम है, ‘इन्वेस्ट इन आवर प्लांट, मतलब ‘हमारे ग्रह में निवेश करें’. इसमें मुख्य बिंदु (की प्वाइंट) है पर्यावरण संरक्षण के लिए मौजूदा चुनौतियों को जान कर उन्हें खत्म करने के उपायों पर विचार-विमर्श करना है.

जानें इसका इतिहास

विश्व पृथ्वी दिवस ग्लोवल स्तर पर 192 देशों द्वारा मनाया जाता है. 60-70 के दशक में जंगलों और पेड़ों की अंधाधुन्ध कटाई को देखते हुए सितम्बर 1969 में सिएटल, वाशिंगटन में एक सम्मलेन में विस्कोंसिन के अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने इसे मनाने की घोषणा की. इस राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन में अमेरिका के स्कूल और कॉलेजों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था. इसके साथ ही इस सम्मेलन में 20 हजार से अधिक लोग इक्कट्ठा हुए थे. साल 1970 से लगातार ये दिवस मनाया जा रहा है.

   (‘न्यूज़ 18 हिंदी’ के साभार )

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