विकास शर्मा

नियमित कसरत का असर शरीर पर ही नहीं बल्कि दिमाग पर भी होता है. नए शोध ने बताया है कि नियमित कसरत दिमाग के कई हिस्सों का आकार बढ़ाने में मदद करती है जिससे पूरी दिमाग का आकार बढ़ता है. इससे दिमाग संबंधी कई समस्याओं से भी बचा सकता है.

कसरत को शरीर के लिए ही नहीं बल्कि दिमाग के लिए भी फायदेमंद बताया जाता है. कसरत का दिमाग पर कितना और कैसा असर होता है, इस पर बहुत से शोध होते रहे हैं. नए अध्ययन में स्पष्ट तौर से पाया गया है कि नियमित कसरत करने से दिमाग का आकार बड़ा हो जाता है. इससे लंबे समय तक शरीर सेहतमंद तो रहता ही है और बीमारियों से दूर भी रहता है. वहीं दिमाग की सक्रियता भी उसे बढ़ती उम्र के नुकसानों से बचाने का काम करती है.

प्रोविडेंस सेंट जॉन सेंटर में पैसिफिक न्यूरोसाइंस इंस्टीट्यूट के ब्रेन हेल्थ सेंटर के क्लीनिकल शोधकर्ताओं की अंतरराष्ट्रीय टीम ने इस अध्ययन में 10135 एमआरआई स्कैन किए और उनका गहन अध्ययन कर नतीजे निकाले. शोध नियमित कसरत के दिमाग की संरचना और उसके कार्यों पर असर की विस्तार से जानकारी देता है.

चलने, दौड़ने, खेलने जैसे शारीरिक गतिविधियों का दिमाग के खास हिस्से के आकार के बड़े होने से गहरा नाता है, जिनका सीखने और याद रखने में उपयोग होता है. अध्ययन में ग्रे मैटर का बड़ा होना खास तौर से पाया गया जो हमारे दिमाग में जानकारी का उपयोग करता है. वहीं सफेद पदार्थ दिमाग के हिस्सों के बीच संचार करता है.

अध्ययन में देखा गया है कि मेमोरी के लिए जिम्मेदार दिमाग का खास हिस्सा हिप्पोकैम्पस, भी नियमित शारीरिक कसरत से बड़ा होता है. कसरत से उम्र के साथ दिमाग का बढ़ना, सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इससे डिमेंशिया जैसे विकारों का खतरा कम होता जाता है. बढ़ती उम्र के साथ दिमाग के सिकुड़ना भी बंद हो जाता है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि कसरत के फायदे बताते समय लोगों को दिमाग को होने वाले फायदों के बारे में भी बताना चाहिए क्योंकि शारीरीक कसरत शरीर के लिए भी उतनी ही जरूरी है, जितनी की दिमाग के लिए. नियमित कसरत सीधे तौर पर हमारी उम्र के साथ दिमाग में होने वाले बदलावों पर गहरा असर डालती है.

       (‘न्यूज़ 18 हिंदी’ से साभार )

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