हर साल 20 अक्टूबर को विश्व स्तर पर वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे (WOD) मनाया जाता है। यह दिन ऑस्टियोपोरोसिस और चयापचय हड्डी रोग की रोकथाम, निदान और उपचार के बारे में वैश्विक स्तर पर जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। WOD का आयोजन इंटरनेशनल ओस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन (IOF) द्वारा एक विशिष्ट विषय के साथ एक साल के लंबे अभियान के लॉन्च के द्वारा किया जाता है। WOD का उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों, मीडिया, नीति निर्माताओं, रोगियों और बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचकर ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर की रोकथाम को वैश्विक स्वास्थ्य प्राथमिकता बनाना है।

क्या होता है ऑस्टियोपोरोसिस?

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमे हड्डियां कमजोर और नाजुक हो जाती हैं, जिसके कारण हल्की सी चोट से हड्डियां में फ्रैक्चर आ जाता हैं- यहां तक कि मामूली सा गिरने, टक्कर, छींक अथवा अचानक से चलने के दौरान हड्डियां टूटने की आशंका रहती है। ऑस्टियोपोरोसिस के कारण होने वाले फ्रैक्चर जानलेवा हो सकते हैं और दर्द और दीर्घकालिक विकलांगता का एक प्रमुख कारण बन सकता हैं। दुनियाभर में ऑस्टियोपोरोसिस एक बढ़ती हुई वैश्विक समस्या है। यह तीन महिलाओं में से एक और 50 से अधिक उम्र के पांच पुरुषों में से एक को को प्रभावित करता है।

 एक आंकड़े के अनुसार, 50 वर्ष से अधिक उम्र की प्रत्येक तीन में एक महिला ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर (Osteoporotic Fracture) से ग्रस्त होती हैं। प्रत्येक पांच में से एक पुरुष इस समस्या से पीड़ित होते हैं। सिर्फ 20 प्रतिशत ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रस्त मरीजों का ही इलाज ठीक तरह से हो पाता है। वयस्कों के साथ ही अब बच्चों में भी हड्डियों की ये समस्या देखने को मिल रही है। 

बच्चे भी हो रहे हैं ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रस्त

ऑस्टियोपोरोसिस अब बच्चों में भी तेजी से बढ़ रहा है। जब बच्चों को ऑस्टियोपोरोसिस होते है, तो इसे बाल्यावस्था ऑस्टियोपोरोसिस (childhood osteoporosis) कहा जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और अपनी ताकत खोने लगती हैं। इस वजह से सामान्य हड्डियों की तुलना में इनके टूटने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। आजकल गतिहीन जीवनशैली के कारण यह समस्या बच्चों में भी बढ़ रही है। यदि बच्चे हड्डियों से संबंधित किसी भी समस्या को महसूस कर रहे हैं, उन्हें हड्डियों में दर्द रहता है, गिरने से हड्डियों में फ्रैक्चर हो जाती है, तो इसे आप नजरअंदाज ना करें और डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

बच्चों में ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण

बच्चों में ऑस्टियोपोरोसिस के मुख्य लक्षण हैं:

  • पीठ के नीचले हिस्से, कूल्हों, घुटनों, टखनों और पैरों में दर्द
  • चलने में परेशानी
  • बार-बार हड्डी टूटना- खासतौर पर पैर, टांग या टखने में फ्रैक्चर
  • आसानी से हड्डी टूटना, खासतौर पर लम्बी हड्डियां आसानी से टूटती हैं
  • रीढ़ का मुड़ना या ऊंचाई में कमी आना
  • अचानक वजन कम होना
  • सांस फूलना

विटामिन -डी की कमी
इस समस्या से बचाव में विटामिन-डी (Vitamin D) बहुत फायदेमंद है. विटामिन-डी का काम होता है हमारे खाने से मिले कैल्शियम को शरीर में जब्त करना और अगर विटामिन-डी की कमी हो जाए, तो खाने से मिला कैल्शियम बाहर निकल जाता है. जिससे हड्डियों को पोषण नहीं मिल पाता है और वो खोखली हो जाती है.

 

ऑस्टियोपोरोसिस का उपचार क्या है?

  • कैल्शियम, विटामिन डी और प्रोटीन से युक्त आहार बच्चों को खाने के लिए दें।
  • प्रतिदिन सुरक्षित शारीरिक व्यायाम जरूर कराएं।
  • ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार के लिए डॉक्टर के निर्देशानुसार दवाएं खिलाएं।

 

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