भारत का आगामी 5जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी ढांचा देश को वैश्विक स्तर पर इस क्षेत्र में एक विश्वसनीय खिलाड़ी के रूप में पेश करेगा. अमर उजाला में छपी रिपोर्ट के अनुसार निजी दूरसंचार कंपनियों के लिए भी 5जी प्रौद्योगिकी आकर्षण और आर्थिक रूप से व्यावहारिक विकल्प होगी. 5जी सेवाओं के अगस्त-सितंबर से शुरू होने की उम्मीद है. स्पेक्ट्रम की नीलामी जून और जुलाई के बीच होने के लिए सही राह पर है. उनसे जब पूछा गया कि देश में पहली ‘5जी कॉल’ कब हो सकेगी, तो उन्होंने कहा कि यह अगस्त-सितंबर में संभव होगी. सूत्रों ने कहा कि 5जी के लिए स्पेक्ट्रम 20 साल या 30 साल के लिए दिया जाए, यह मुद्दा अभी खुला है .
दूरसंचार मंत्री बोले- कीमतों को लेकर उद्योग की चिंता दूर करेंगे
दूरसंचार नियामक ट्राई ने 30 वर्षों में आवंटित रेडियो वेव के लिए कई बैंडों में आधार मूल्य पर 7.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की एक नीलामी की योजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि हम समय पर इस नीलामी करेंगे। अगर सरकार 30 सालों की अवधि के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन करती है तो ट्राई एक लाख मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए सिफारिश की है। अगर 20 साल के लिए आवंटन होता है तो आरक्षित मूल्य के आधार पर इसकी कुल वैल्यू 5.07 लाख करोड़ रुपये होगी।
5जी के लिए भले ही ट्राई ने स्पेक्ट्रम की कीमतों में 39 फीसदी की कटौती की सिफारिश की है, लेकिन बावजूद इसके दूरसंचार कंपनियों का मानना है कि अभी भी भारत में 5जी स्पेक्ट्रम की कीमतें दुनिया के मकुाबले ज्यादा हैं। मंत्री ने कहा कि जहां तक स्पेक्ट्रम की कीमतों से जुड़ी ट्राई की सिपारिशों की बात है तो इसका जल्द ही अच्छा हल निकाला जाएगा। इससे यह संकेत मिल रहा है कि आने वाले दिनों में कीमतों में कुछ और बदलाव हो सकता है। कीमतों से संबंधित उद्योग की चिंताओं को भी सुलझाया जाएगा।
दूरसंचार मंत्रालय के मुताबिक, 5जी स्पेक्ट्रम के लिए कितना शुल्क कंपनियां देंगी, इस पर फिलहाल ट्राई और दूरसंचार कंपनियों के बीच एकमत नहीं है। नीलामी की प्रक्रिया को प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए ट्राई ने 700 मेगाहर्टज की कीमतों में 40 फीसदी की कटौती की सिफारिश की है।