केरल (0.71 प्रतिशत), गोवा (3.76 प्रतिशत), सिक्किम (3.82 प्रतिशत), तमिलनाडु (4.89 प्रतिशत) और पंजाब (5.59 प्रतिशत) सूचकांक के साथ पूरे भारत में सबसे कम गरीबी दर्ज की है। ये राज्य सूचकांक में सबसे नीचे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत का राष्ट्रीय एमपीआई का मानक, ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनिशिएटिव (ओपीएचआई) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा विकसित विश्व स्तर पर स्वीकृत और मजबूत कार्यप्रणाली का उपयोग करता है।
जबकि केंद्र शासित प्रदेशों दादरा और नगर हवेली (27.36 प्रतिशत), जम्मू और कश्मीर व लद्दाख (12.58), दमन और दीव (6.82 प्रतिशत) और चंडीगढ़ (5.97 प्रतिशत) सबसे गरीब केंद्र शासित प्रदेश के रूप में उभरे हैं। पुडुचेरी में 1.72 प्रतिशत आबादी ही गरीब है, जबकि लक्षद्वीप में 1.82 प्रतिशत, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 4.30 प्रतिशत और दिल्ली में 4.79 प्रतिशत गरीब हैं। \
भारत के एमपीआई में तीन आयाम
2015 में 193 देशों द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) ढांचे ने दुनिया भर में विकास की प्रगति को मापने के लिए विकास नीतियों, सरकारी प्राथमिकताओं और मैट्रिक्स को फिर से परिभाषित किया है। 17 वैश्विक लक्ष्यों और 169 लक्ष्यों के साथ एसडीजी ढांचा अपने पूर्ववर्ती मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स (एमडीजी) की तुलना में काफी व्यापक है।