पूर्वानुमान के अनुसार ही चक्रवाती तूफान यास ने उड़ीसा एवं बंगाल में भारी तबाही मचाई जबकि झारखंड भी इससे काफी प्रभावित हुआ। तेज हवा एवं बारिश के कारण उड़ीसा एवं बंगाल के सैकड़ों गांव पानी से भर गए एवं लाखों घर उजड़ गए। इसके कारण एक करोड़ से भी अधिक लोग प्रभावित हुए। हालांकि पूर्व सूचना एवं लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के कारण जानमाल के नुकसान को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान यास बुधवार को दिन में करीब 11 बजे ओड़ीसा के बालासोर के बाहानगा में लैंडफाल किया। उस समय हवा की रफ्तार करीब 130 से 150 किलोमीटर प्रति घंटा थी। धीरे धीरे तूफान कमजोर पड़ने लगा। रात के करीब एक बजे तूफान पश्चिम सिंहभूम के टोंटो से झारखंड में प्रवेश किया तथा पूर्व अनुमानित बहरागोड़ा के बजाय पोटका से पूर्वी सिंहभूम जिले में प्रवेश कर गया। हालांकि तब तक उसकी गति और कमजोर पड़ गई थी। बावजूद इसके उसने जमशेदपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में काफी नुकसान पहुंचाया।
यास चक्रवाती तूफान से हुई तबाही के कुछ दृश्य……………………………………….
पश्चिमी सिंहभूम में दिखने लगा तूफान का असर
किरीबुरु : किरीबुरु-मेघाहातुबुरु के आसपास क्षेत्रों समेत सारंडा जंगल क्षेत्र में वर्षा की वजह से तापमान में भारी गिरावट देखी जा रही है तथा शहर का न्यूनतम तापमान आज 18 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. जैसे-जैसे समय बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे हवायें व वर्षा तेज होती जा रही है. आने वाले कुछ घंटों अथवा कल सुबह तक शहर में तूफान का व्यापक असर देखने को मिल सकता है.
तूफान यास का असर, मूसलाधार बारिश
चक्रवाती तूफान यास का व्यापक असर किरीबुरु-मेघाहातुबुरु के आसपास क्षेत्रों समेत सारंडा जंगल क्षेत्र में देखा जा रहा है. रात तीन बजे के बाद तेज हवाओं के साथ पूरे क्षेत्र में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई. इस वर्षा की वजह से शहर की सड़कें वीरान हो गई हैं.
27 एवं 28 मई को घरों में ही रहें
पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन द्वारा ट्वीट कर जानकारी दी गयी है कि उष्णकटिबंधीय यास चक्रवातीय तूफान के दौरान 27 एवं 28 मई को यथासंभव अपने घरों से बाहर नहीं निकलें. इस दौरान सतर्कता बरतने के लिए सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. तूफान के दौरान घबराएं नहीं-संयम बरतें.
जान-माल की सुरक्षा को लेकर बरतें सावधानी
झारखंड के स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि चक्रवाती तूफान यास के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव को पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि पूर्वी सिंहभूम समेत पूरे राज्य में इसे लेकर विशेष सतर्कता बरतें. 26 से 28 मई के दौरान विद्युत आपूर्ति, पेयजल आपूर्ति समेत अन्य चीजों की व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि जान-माल की रक्षा हो सके.
रांची में भी एनडीआरएफ की तैनाती
चक्रवाती तूफान यास की आशंका को देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने तैयारी कर ली है. तूफान से जान-माल की सुरक्षा को लेकर एनडीआरएफ की दो टीम तैनात की गयी है और वे लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
रोजमर्रा की चीजों के लिए न हो परेशानी
आमलोगों को रोजमर्रा की चीजों के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इस पर भी ध्यान रखने का निर्देश जिलाधिकारियों को दिया गया है. बैठक में राज्य के आपदा प्रबंधन सचिव डॉ अमिताभ कौशल, एनएचआरएम के एमडी रविशंकर शुक्ला सहित अन्य अधिकारी शामिल थे.
सभी जिले अलर्ट मोड पर
झारखंड के पांच जिलों के अलावा बाकी जिलों को अलर्ट रहने को कहा गया है. सभी को प्लास्टिक की व्यवस्था रखने को भी कहा गया है. आंधी के दौरान जमशेदपुर व बोकारो सहित अन्य जिलों में सड़क पर पेड़ गिरे, तो उसे जल्द हटाने के लिए भी व्यवस्था सभी जिलों को करनी है.
पूर्वी सिंहभूम में एनडीआरएफ की टीम तैनात
केंद्रीय मंत्रियों की इस बैठक में यह बात सामने आयी कि झारखंड के पांच जिले पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, सिमडेगा, खूंटी व बोकारो पर यास का प्रभाव रहेगा. पूर्वी सिंहभूम में ज्यादा प्रभाव होने के मद्देनजर वहां पर एनडीआरएफ की तीन टीमों को तैनात कर दिया गया है.
अलर्ट मोड पर झारखंड
झारखंड में सुपर साइक्लोन यास के खतरे को देखते हुए जान-माल की सुरक्षा को लेकर सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है. वैसे राज्य के पांच जिले पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, सिमडेगा, खूंटी व बोकारो पर चक्रवाती तूफान यास का प्रभाव रहेगा. पूर्वी सिंहभूम में ज्यादा प्रभाव होने के मद्देनजर वहां पर एनडीआरएफ की तीन टीमों को तैनात कर दिया गया है. राज्य के कई इलाकों में इसका असर दिखने लगा है. चाईबासा में सुबह से ही बारिश हो रही है.