Unemployment In India: सीएमआईई (CMIE) की रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त महीने में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों से करीब 15 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो गए है.
देश में बेरोजगारी दर अगस्त में एक बार फिर से बढ़ गई है. दरअसल, देश में बेरोजगारी को लेकर सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी सीएमआईई (CMIE) ने एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त महीने में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों से करीब 15 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो गए है.
सीएमआईई के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई में कार्यरत लोगों की संख्या 399.38 मिलियन से घटकर अगस्त में 397.78 मिलियन पर पहुंच गई. इस एक महीने में केवल ग्रामीण भारत में करीब 13 लाख लोगों की नौकरियां चली गई.
एक तरफ जहां रोजगार दर में भारी गिरावट देखने को मिली है तो वहीं जुलाई महीने के मुकाबले अगस्त महीने में कर्मचारियों की भागीदारी दर में मामूली वृद्धि दर देखने को मिली है। जो कि इस बात के संकेत हैं कि अगस्त महीने में एक बड़ी संख्या में लोग नौकरियों की तलाश में भटके। CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई महीने में देश भर में करीब 36 लाख लोग रोजगार की तलाश में भटके, जबकि जुलाई महीने में 30 लाख लोग नौकरी की तलाश कर रहे थे।
अगस्त महीने में बेरोजगारी दर 8.32 फीसदी रही
सीएमआईई के मुताबिक, देश में अगस्त महीने में बेरोजगारी दर 8.32 फीसदी रही, जबकि जुलाई में बेरोजगारी दर 6.95 फीसदी थी. अगस्त में शहरी बेरोजगारी दर लगभग 1.5 फीसदी बढ़कर 9.78 फीसदी हो गया. जुलाई में देश में शहरी बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी थी. यह जून में 10.07 फीसदी, मई में 14.73 फीसदी और अप्रैल में 9.78 फीसदी थी. मार्च के महीने में भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने से ठीक पहले, शहरी बेरोजगारी दर करीब 7.27 फीसदी थी.
ग्रामीण बेरोजगारी दर अगस्त में 1.3 फीसदी बढ़कर 7.64 फीसदी रहा
इसी तरह देश में ग्रामीण बेरोजगारी दर अगस्त में 1.3 फीसदी बढ़कर 7.64 फीसदी हो गया. जुलाई में यह 6.34 फीसदी था. सीएमआईई का आंकड़ा दिखाता है कि जुलाई में जहां लगभग 3 करोड़ लोग काम की तलाश में थे तो वहीं अगस्त में 3.6 करोड़ लोग काम खोजते नजर आए.
रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई में बेरोजगारी दर में सुधार इसलिए दर्ज किया गया था क्योंकि फसलों की बुआई का मौसम होने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों को कृषि से जुड़े कामों में रोजगार मिला था। ये नौकरियां अनौपचारिक क्षेत्र में मिलने वाली पूअर क्वालिटी नौकरियां थीं।