भारत में प्रत्येक वर्ष वनस्पतियों और जीवों की सुरक्षा और संरक्षण के उद्देश्य से वन्यजीव सप्ताह अक्टूबर के महीने में 2 से 8 अक्टूबर तक मनाया जाता है। प्रकृति और अन्य वन्यजीव प्रजातियों के महत्व को पहचानने के लिए वन्यजीवों का संरक्षण आवश्यक है। इस संरक्षण के लिए सबसे बड़ी जरूरत है कि आने वाली पीढ़यों को वन्य जीवों की विभिन्न प्रजातियों, वन्य जीव संरक्षण और वन्य जीवों पर जलवायु परिवर्तन आदि विभिन्न बिंदुओं के बारे में अवेयर किया जाए। जिससे वो वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति सचेत हो सके। 

यह धरती अनेक प्रजातियों का घर है और वन्यजीव पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इन जीवों का संरक्षण काफी महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे जंगल काटे जा रहे हैं इन वन्यजीवों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। मानव द्वारा अपनी जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से इन वन्यजीवों के क्षेत्रों में लगातार किए जा रहे हस्तक्षेप के कारण कई प्रताजियों विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई हैं। प्रति वर्ष हजारों जीव मानव तस्करी का शिकार बन रहे हैं।अगर इसी तरह से वन्य जीवों को शिकार बनाया गया तो इससे धरती के ईकोसिस्टम पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ेगा और आने वाले समय में इसके गंभीर दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

उद्देश्य 
इस सप्ताह का उद्देश्य लोगों को वन्यजीवों के संरक्षण और संरक्षण के बारे में अधिक जागरूक बनाना है। यह वन्यजीवों के संरक्षण के महत्व पर लोगों का ध्यान केंद्रित करेगा। इसका उद्देश्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए और अधिक सेवाओं को लागू करना है। इसमें वन्यजीवों के संरक्षण से जुड़े सभी मुद्दों पर भी चर्चा होगी।


इतिहास 
वन्यजीव सप्ताह पहली बार वर्ष 1952 में शुरू किया गया था। इस सप्ताह की शुरुआत कई महत्वपूर्ण कदम उठाकर भारतीय जानवरों के जीवन को बचाने के लिए की गई थी। सप्ताह की शुरुआत भारत की किसी भी प्रजाति के पशु विलोपन को बचाने के लिए की गई है। भारत सरकार ने जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ वन्यजीव संरक्षण के प्रति भारतीय लोगों की चेतना को बेहतर बनाने के लिए एक भारतीय वन्य जीवन बोर्ड की स्थापना की है।

केंद्र व राज्य सरकारों, पर्यावरणविदों, कार्यकर्ताओं, शिक्षकों आदि द्वारा लोगों में वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता में तेज़ीलाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। भारत में विभिन्न प्रजातियों का विशाल भण्डार है, इसलिए भी भारत में कई सम्मेलनों, जागरूकता कार्यक्रमों और प्रकृति प्रेमियों के बीच सार्वजनिक बैठकों का आयोजन किया जाता है। स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में बच्चों के लिए वन्यजीवों से संबंधित निबन्ध लेखन, चित्रकला, संभाषण, फ़िल्म स्क्रीनिंग आदि प्रयोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

इस वर्ष की थीम 

2021 में हम 67वां वन्यजीव सप्ताह मना रहे हैं। इस वर्ष राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह थीम 2021 : “वन और आजीविका: लोगों और ग्रह को बनाए रखना (Forests and Livelihoods: Sustaining People and Planet)” है।

जैविक हॉटस्पॉट (Biological Hotspot)

भारत एक जैविक हॉटस्पॉट है। यह कई जानवरों की प्रजातियों का समर्थन करता है। भारत विश्व की 7% से अधिक जैव विविधता का घर है। भारत की पशु संपदा भी अविश्वसनीय रूप से विविध है। यह दुनिया के जीवों का 7.4% हिस्सा है। 

 

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